मदहोश अधिकारी से सामना: अपमान का बंधन

मदहोश अधिकारी से सामना: अपमान का बंधन

एक बार इसी इलाहाबाद में मिलट्रि में हम गये थे लेक्चर देने, छोंकी है वहाँ जगह, इलाहाबाद के पास, एक ब्रिगेडियर साहब ले गये थे हमको, बहुत पुरानी बात है। एक दिन लेक्चर देकर लौट रहे थे, मेरे साथ दो कैप्टन हमको शहर तक छोड़ने आते थे। तो एक दिन लौटने लगे जब तो वहाँ कुछ फंक्शन था मिलट्रिट्ट में तो सबने शराब पी रखी थी, बड़े बड़े ऑफीसर्स ने। तो वहाँ एक शराब पीकर के कैप्टन रोड के बीचोबीच खड़ा हो गया, रिवाल्वर तान के। अब वो हमारे ड्राइवर ने रोक दिया गाड़ी। हम आगे ही बैठे थे। हमारे बगल में एक कैप्टन खड़े-खड़े चलता था बेचारा। उसने भी देखा हमने भी देखा। ये रिवॉल्वर लेकर क्यों खड़ा है? अब न उस कैप्टन की हिम्मत पड़े उतरने की और न और कोई, बाकी तो सब पब्लिक थी। तो थोड़ी देर बैठे रहे। उसके बाद हमने कहा, कैप्टन साहब से कि ये भई! ये क्या है ? महाराज जी बोलिये नहीं, आज वो शराब का दौर चला था, उसमें ये ज्यादा पी गया है। पता नहीं इसकी रिवाल्वर में गोली हो और नशे में तो है ही है ये, मार दे। इसलिये अब सोच रहे हैं कि क्या करें। रिवॉल्वर उसके पास भी थी, जो हमारे साथ चल रहा था। वो गोली मार देता पहले। लेकिन वो समझ रहा था, अरे बेचारा अधिक पी गया है, इसको मारना ठीक नहीं है और कोई तरकीब सोचें। तो मैंने कहा कि अच्छा तू इधर आ, मैं तरकीब करता हूँ। तो मैं उत्तरा गाड़ी से निहत्था और एक्टिंग करते हुये जैसे शराबी लोग चलते हैं ऐसे शराबी की एक्टिंग करते हुये उसके पास जाकर, उसके गले में हाथ डाल करके, वैसे ही एक्टिंग कर रहा हूँ और यों हमने रिवाल्वर छीन लिया। उसको कोई फीलिंग नहीं थी क्यों छीन लिया, हम इनसे छीनेंगे फिर। वो भी ऐसा ही करता रहा। इतने में वो कैप्टन साहब दौड़ कर उतरे और भागे, उन्होंने भी पकड़ा उसको। अब ये सुना ब्रिगेडियर ने कि महाराज जी को ऐसे तंग किया इस एक आदमी ने। उन्होंने कहा इसको निकाल बाहर करेंगे, सस्पैण्ड कर दिया। उसकी बीबी सबेरे हमारे पास आयी जहाँ हम ठहरे थे कि महाराज जी आप बचाइये हमारी रोजी रोटी खतम हो जायेगी। बड़े साहब ने इन्हें सस्पैण्ड कर दिया है। हमने कहा अच्छा अच्छा। तो हमने उनको फोन किया कि भई देखो प्रवचन देने इस शर्त पर आयेंगे कि तुम उसको माफ कर दो। वो बेचारा शराब अधिक पी गया था। तुम्हारे यहाँ शराब बटती क्यों है ? कहने लगा महाराज जी ये तो लिमिट में सब पीते हैं। हमने कहा कि वो लिमिट अनलिमिट क्या है? वो बाँट रहा था, ये बताया। तो बाँटने वाला अधिक पी गया। तो वो निर्दोष है, कोई बात नहीं। तो ऐसे ही पागल आदमी के कहने पर हम लोगों को कोई फीलिंग नहीं होती है और वही गाली अच्छा भला आदमी दे दे, चाहे पड़ोसी हो, ऐंड फिर देखो क्या क्या काण्ड हम करते हैं। जिन्दगी भर की दुश्मनी ले लें उससे।

Source: Main kaun mera kaun 4 - 1484

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